उत्तर: कवि ने पहाड़ को किसान के रूप में दर्शाया है।
प्रश्न.२: आकाश को सर पर बँधे साफे के समान क्यों कहा गया है?
उत्तर: शाम के समय सूर्य की लालिमा आकाश में फ़ैल जाती है और पर्वत के शीर्ष को छूती प्रतीत होती है। पर्वत को कवि ने किसान के रूप में चित्रित किया है जिससे यह लगता है की किसान ने सर पर आकाश रुपी साफा बाँधा हुआ है।
प्रश्न.३: जाड़े की शाम के प्राकृतिक दृश्य का चित्रण अपने शब्दों में कीजिये।
उत्तर: जाड़े की शाम का दृश्य अति मनमोहक है। पर्वत एकदम शांत दिखाई देता है, आकाश पर सूर्य की लालिमा फैली है। पहाड़ के नीचे नदी बह रही है, पलाश के लाल फूल अपनी सुन्दरता बिखेर रहे हैं, पूरब की ओर अन्धकार छाने लगा है व पश्चिम में ढलता सूरज अपनी छठा बिखेर रहा है।
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