उत्तर: हर तरह की सुख-सुविधाएँ पाकर भी पक्षी पिंजरे में बंद नहीं रहना चाहते क्योंकि उन्हें बंधन पसंद नहीं। वे तो खुले आकाश में ऊँची उड़ान भरना, बहता जल पीना कड़वी निबौरियाँ खाना ही पसंद करते हैं।
प्रश्न २: भाव स्पष्ट कीजिए - "या तो क्षितिज मिलन बन जाता/या तांती साँसों की डोरी।"
उत्तर: इस पंक्ति में कवि पक्षी के माध्यम से कहना चाहता है कि यदि मैं स्वतंत्र होता तो उस असीम क्षितिज से मेरी होड़ हो जाती। मैं इन छोटे-छोटे पंखों से उड़कर या तो उस क्षितिज से जाकर मिल जाता या फिर मेरा प्राणांत हो जाता।
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